मन पाए विश्राम जहाँ
नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !
शुक्रवार, अगस्त 31
उन सभी युवाओं को समर्पित जो विवाह बंधन में बंधने वाले हैं
›
यह बंधन तो प्रेम का बंधन है बचपन से किशोर फिर युवा होते तन फिर भी रहे वही बच्चों वाले प्यारे से मन उन्हीं मासूम मनों क...
4 टिप्पणियां:
शनिवार, अगस्त 25
सपनीला मन
›
सपनीला मन शब्दों का एक जखीरा बहा चला आता है जाने कहाँ से... शब्द जो ठोस नहीं हैं कितने वायवीय पर कितने शक्तिशाली देह द...
6 टिप्पणियां:
गुरुवार, अगस्त 23
पाया परस जब नेह का
›
पाया परस जब नेह का तेरे बिना कुछ भी नहीं तेरे सिवा कुछ भी नहीं , तू ही खिला तू ही झरा तू बन बहा नदिया कहीं ! तू लहर त...
16 टिप्पणियां:
सोमवार, अगस्त 20
पुनः पुनः मिलन घटता है
›
पुनः पुनः मिलन घटता है निकट आ सके कोई प्रियतम तभी दूर जाकर बसता है ! श्वास दूर जा नासापुट से अगले पल आकर मिलती ह...
3 टिप्पणियां:
शुक्रवार, अगस्त 17
भारत रत्न अटल जी
›
भारत रत्न अटल जी बड़े दिवस पर जन्म लिया था अति विशाल कवि मानस पाया , अंतर समर्पित राष्ट्र हित हो जूझ आंधियों में मुस्काय...
7 टिप्पणियां:
मंगलवार, अगस्त 14
तिरंगा
›
तिरंगा नीलगगन में लहराते तिरंगे को देख याद आते हैं वे अनाम चेहरे इतिहास में जिनका कोई वर्णन नहीं इस अमर स्वतन्त्रता के वाहक ज...
3 टिप्पणियां:
शनिवार, अगस्त 11
अभी समर्थ हैं हाथ
›
अभी समर्थ हैं हाथ अभी देख सकती हैं आँखें चलो झाँके किन्हीं नयनों में उड़ेल दें भीतर की शीतलता और नेह पगी नरमाई सहला ...
3 टिप्पणियां:
बुधवार, अगस्त 8
खुले आकाश सा
›
खुले आकाश सा सवाल बन के जगाये कई रातों को जवाब बनकर एक दिन वही सुलाता है ढूँढने में जिसे बरसों गुजारे वही हर रोज तब ...
6 टिप्पणियां:
सोमवार, अगस्त 6
राखी के कोमल धागे
›
राखी के कोमल धागे आया अगस्त अब दूर नहीं श्...
5 टिप्पणियां:
शुक्रवार, अगस्त 3
मोहन की हर अदा निराली
›
मोहन की हर अदा निराली माधव केशव कृष्ण मुरारी अनगिन नाम धरे हैं तूने, ज्योति जलाई परम प्रेम की अंतर घट थे जितने सूने ! ...
3 टिप्पणियां:
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें