मन पाए विश्राम जहाँ

नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !

बुधवार, अगस्त 28

आस्था का दीप दिल में

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आस्था का दीप दिल में कुछ नहीं है पास अपने रिक्त है मन का समन्दर मौन की इक गूंज है या एक शुभ निर्वाण का स्वर नीलिमा आक...
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बुधवार, अगस्त 21

उसने कहा था

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उसने कहा था   एक ही पाप है और कितना सही कहा था उस एक पाप का दंड भोग रहा है हर कोई बार-बार दोहराता है उस एक पाप के बोझ तले...
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सोमवार, अगस्त 19

हरसिंगार के फूल झरे

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हरसिंगार के फूल झरे हौले से उतरे शाखों से बिछे धरा पर श्वेत केसरी हरसिंगार के प्रसून झरे ! रूप-रंग , सुगंध की निधियां ...
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शनिवार, अगस्त 10

शब्दों का जो अर्थ बना है

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शब्दों का जो अर्थ बना है अंतर्मन की गहराई में कोई निर्विशेष तकता है , अंतरिक्ष की ऊँचाई में कोई सरल मौन बसता है चाँ...
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गुरुवार, अगस्त 8

सुषमा स्वराज

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सुषमा स्वराज हमें नाज है भारत की इस बेटी पर जो जन-जन की आवाज बनी जिसने पहचाना ही नहीं भारत की आत्मा को अपने शब्दों से उसे स...
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गुरुवार, अगस्त 1

उमग-उमग फैले सुवास इक

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उमग-उमग फैले सुवास इक भीतर ही तो तुम रहते हो खुद से दूरी क्यों सहते हो , जल में रहकर क्यों प्यासे हो खुद ही खुद को क्यों फा...
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बुधवार, जुलाई 31

चंदा की आभा में कैसा यह हास जगा

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चंदा की आभा में कैसा यह हास जगा मानस की घाटी में श्रद्धा का बीज गिरा प्रज्ञा की डालियों पर शांति का पुष्प उगा , मन अंतर सुवास...
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सोमवार, जुलाई 29

मृगतृष्णा सा सारा जीवन

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मृगतृष्णा सा सारा जीवन जो भी चाहो सब मिलता है  माया का जादू चलता है, फिर भी जीवन उपवन सूना दिल का फूल कहाँ खिलता है ! र...
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शनिवार, जुलाई 27

कारगिल

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वर्षों पूर्व लिखी यह कविता आज स्मरण हो रही है. विजय दिवस पर सभी को  शुभकामनायें ! कारगिल कारगिल बन गया भारत का दिल ! ...
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Anita
यह अनंत सृष्टि एक रहस्य का आवरण ओढ़े हुए है, काव्य में यह शक्ति है कि उस रहस्य को उजागर करे या उसे और भी घना कर दे! लिखना मेरे लिये सत्य के निकट आने का प्रयास है.
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