मन पाए विश्राम जहाँ
नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !
बुधवार, अगस्त 30
वायनाड की एक छोटी सी यात्रा
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वायनाड की एक छोटी सी यात्रा वायनाड का नाम पहले सुना ज़रूर था पर वर्षों पूर्व की गयी केरल प्रदेश की हमारी यात्रा के दौरान वहाँ जाना नहीं हो प...
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सोमवार, अगस्त 28
महाकाल
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महाकाल ओपेनहाइमर ने पूछा था एक दिन क्या होता है जब तारे मरते हैं शायद एक महाविस्फोट !! बढ़ता ही जाता है गुरुत्वाकर्षण कि सब कुछ ...
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शनिवार, अगस्त 26
जगत और तन
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जगत और तन कितना भी बड़ा हो जगत की सीमा है या कहें जगत ही सीमा है निस्सीम के आँगन में खिला एक फूल हो जैसे कोई चाहे तो बन सकता है उसकी ...
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बुधवार, अगस्त 23
चन्द्रयान तीन
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चन्द्रयान तीन चन्द्रयान ने जोड़ दिया है भारत को फिर एक बार मंदिर-मंदिर और घर घर चढ़ा रहे हैं लोग भगवान को माला-हार इस बार विक्रम को सफल...
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सोमवार, अगस्त 21
माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः
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माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः धरती हमें धरती है माँ की तरह पोषित करती है फल-फूल, अन्न, शाक से क्षुधा हरती है वे पात्र जिनमें ग्रहण क...
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शुक्रवार, अगस्त 18
वर्तमान भविष्य के हाथों में
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वर्तमान भविष्य के हाथों में नवजात शिशु की पकड़ भी कितनी मज़बूत है मुट्ठी में अंगुली थमाकर देखती है माँ जकड़ लेता है दृढ़ता से मुस्क...
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बुधवार, अगस्त 16
जीवन - एक रहस्य
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जीवन - एक रहस्य सब कुछ व्यवस्थित हो जीवन में नपा-तुला, मन के मुताबिक़ ऐसा कहाँ होता है ! अचानक घट जाता है कुछ भर जाता है जो अंतर में अस...
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सोमवार, अगस्त 14
परम अनूठा लोकतंत्र है
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परम अनूठा लोकतंत्र है सदा सत्य की राह दिखाये गीत शांति का नित गुंजाता , ‘वसुधैव कुटुंबकम’ अपनाए सबका नित कल्याण चाहता ! देश हमारा आगे बढ़...
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शुक्रवार, अगस्त 11
विभूति
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विभूति सुना है तेरी मर्ज़ी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता कोई चुनाव भी करता है तो तेरे ही नियमों के भीतर चाँद-तारे तेरे बनाये रास्तों पर ...
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बुधवार, अगस्त 9
कुछ दोहे
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कुछ दोहे वाणी से साथी बनें, वाणी अरि बनाये वाणी अगर कठोर है,मनस सुख ले जाये वाणी के सायक चलें, कुछ भी रहे न शेष अभी-अभी जो राग था, बन जात...
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