जर्रा-जर्रा गीत सुनाये
बौराया है आम रसीला, मधु लुटाता भर भर झोली
फागुन मस्त हुआ सा डोले, लहराए फूलों की टोली
कंचन फूला श्वेत गुलाबी, रूद्र पलाश आग लगाता
मुग्ध पलाश करे तैयारी, होली का उत्सव जो आता
खनक उठीं चूडियाँ, झाँझर, ढोल मंजीरे भी खडकाए
घुँघरू नाचे, बजी पायलें, जर्रा-जर्रा गीत सुनाये
छोड़ें सारी उलझन मन की, जरा आँख भर गगन निहारें
पुलक भरें उर अंतर में अब, बिछुडे उस प्रियतम को पुकारें
कोयल विरही जनम जनम की, जाने कैसी पीड़ा उर में
फागुन में वह भी मतवाली, गाए तराने पंचम सुर में
जो पाना है मिला हुआ है, घटना बरसों पहले हो ली
होली याद कराने आयी, खुशियों से हम भर लें झोली
दौड़ लगाते फिरते पीछे, सँग जिसके मिल के हमजोली
वह कस्तूरी भीतर ही है, ऊपर वाला करे ठिठोली
छोड़ें सारी उलझन मन की, जरा आँख भर गगन निहारें
जवाब देंहटाएंपुलक भरें उर अंतर में अब, बिछुडे उस प्रियतम को पुकारें
बहुत सुन्दर रचना अनीता जी....
आपकी होली शुभ हो....
आपको होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत ही सुन्दर मन भावन रचना है ... होली की सुंदरता को और बढाता हुवा ...
जवाब देंहटाएंआपको और परिवार में सभी को होली की मंगल कामनाएं ...
बहुत सुंदर भाव ...अनीता जी ...!!
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनायें ....!!
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जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर गीत है …
आभार आपका
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जवाब देंहटाएं~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~
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♥ होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार ! ♥
♥ मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !! ♥
आपको सपरिवार
होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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sundar rachna..होली की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंआप सभी सुधी जनों का आभार व होली की शुभकामनायें...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनायें
सुन्दर!
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें!
अच्छी लगी रचना..
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