रविवार, नवंबर 25

दिल के तो पास है


प्रिय ब्लॉगर साथियों,  मैं बनारस व बैंगलोर की यात्रा पर जा रही हूँ, अब दिसंबर के तीसरे सप्ताह में मुलाकात होगी. आने वाले वर्ष के लिए तथा क्रिसमस के लिए अग्रिम शुभकामनायें...


दिल के तो पास है 

अंबर की झील में 
चंदा की नाव है 
तारों की मीन सुंदर 
रंगो का गांव है  !

जाने किस लोक में 
परियों के गांव हैं 
फूल जहाँ बातें करते 
रोशन सी छाँव है !

मोती का नूर है 
ज्योति की हूर है,
दिल के तो पास है 
हाथों से दूर है ! 

9 टिप्‍पणियां:

  1. कवि की प्रकृति भी कितनी विचित्र है वो हर प्रस्तिथि में सृजन कर लेता है .आप स्वस्थ व् दीर्घ आयु हो ऐसी प्रभु से कामना है .हम हिंदी चिट्ठाकार हैं

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    1. शिखा जी, आपने सही कहा है, आभार इस सुंदर प्रार्थना के लिए..

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  2. ्जल्द स्वस्थ होने की कामना करती हूँ।

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    1. वन्दना जी, अब मैं स्वस्थ हूँ, आपकी प्रतिक्रिया देखकर ही मुझे लगा कि यात्रा पर जाने से पूर्व सुंदर भावनाएँ व्यक्त होनी चाहियें न कि अस्वस्थता की बात जो अब है भी नहीं...आभार व शुभकामनायें..

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  3. आपकी यात्रा मंगलमय हो ... सुंदर भावभिव्यक्ति

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  4. बहुत सुन्दर कविता........ईश्वर आपकी यात्रा का मनोरथ पूरा करे ।

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  5. सब कुछ कितना सुन्दर- यात्राओं में कुछ पकड़ में आएगा ज़रूर ,लौट कर बताइयेगा !

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  6. आपकी यात्रा में सुन्दर प्रकृति का सानिध्य आपको प्रेरित करता रहे ... बहुत सुन्दर रचना अनीता जी !

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  7. संगीता जी, इमरान, प्रतिभा जी, व शालिनी जी आप सभी का स्वागत व हार्दिक आभार..

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