यह कविता सभी शिक्षकों को समर्पित है
शिक्षक दिवस पर शुभकामनायें
ज्ञान की मशाल तुम
राह रोशन करो,
त्याग की मिसाल तुम
प्रेरणा बन मिलो !
तृप्ति दो नीर बन
प्रेम की छांह भी,
ठोकरें जब लगीं
थाम ली बांह भी !
था अबोध शिष्य जो
बोधवान बन गया,
पा परस गुरू का
पुष्प सा खिल गया !
दान दो ज्ञान का
नित यज्ञ कर रहे,
सत्य की सुवास शुभ
जगत में भर रहे !
कृतज्ञ है समाज यह
शिक्षकों का सदा,
रात-दिन व्यस्त जो
धो रहे अज्ञानता !
देवी वागेश्वरी
की कृपा बनी रहे,
गुरू और शिष्य की
डोर यह बंधी रहे !
सुंदर लेखन , जी धन्यवाद !
जवाब देंहटाएं~ ज़िन्दगी मेरे साथ - बोलो बिंदास ! ~ ( एक ऐसा ब्लॉग -जो जिंदगी से जुड़ी हर समस्या का समाधान बताता है )
जवाब देंहटाएंसद्भावना पूर्ण सच्ची पोस्ट शिक्षक कभी मरता नहीं है वह शिष्यों के दिलों में विराजमान रहता है कृष्ण की तरह। आध्यात्मिक सफर भी गॉड रिअलाइज़्ड सेंट के बिना पूरा नहीं होता है।
गुरु का आशीष पत्थर पारस कर दे !
जवाब देंहटाएंबहुत शुभकामनाये !
गुरु सदा दिल में रहता है ..
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावपूर्ण रचना ...
गुरु का गुरुत्व बना रहे और योग्य शिष्य को संतृप्ति मिलती रहे - वह जीवन की सच्ची शिक्षा प्राप्त कर सके !
जवाब देंहटाएंसुंदर पोस्ट
जवाब देंहटाएंराजीव जी, आशीष जी, दिगम्बर जी, प्रतिभा जी, ओंकार जी, संजू जी, वाणी जी, व वीरू भाई आप सभी का स्वागत व आभार !
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