शनिवार, जनवरी 14

भारत का हर पर्व अनोखा

भारत का हर पर्व अनोखा 


लोहरी की पावन अग्नि  में 

सपनों के शुभ  रंग बिखरते, 

देश तरक़्क़ी करे विश्व सँग 

भारतवासी यही माँगते !


सबको साथ लिए चलना है 

वसुंधरा है एक परिवार, 

भारत का हर पर्व अनोखा 

जगा रहा हर हृदय  में प्यार !


मिलकर आज पतंग उड़ाएँ 

वितरण किए तिल गुड़ मिष्ठान, 

खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण करें  

चिवड़ा दही लगते पकवान !


थोड़े में ही सुख मिलता है 

सिखा रहा पोंगल, बीहू भी, 

फसल काटने की ऋतु आयी 

व्यक्त करें आभार कृषक भी !


सारा भारत इक ही सुर में 

पर्व मकर संक्रांति मनाए, 

धरती, सूरज, वनस्पति संग  

 मानव मिल सुर-ताल मिलाए !


संस्कृति है यह कैसी अद्भुत

  क़ीमत इसकी वही जानता, 

मानवता की ख़ुशबू जिसमें 

भारत को जो मातृ मानता !


24 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 15 जनवरी 2023 को साझा की गयी है
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कलरविवार (15-1-23} को "भारत का हर पर्व अनोखा"(चर्चा अंक 4635) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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    कामिनी सिन्हा

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  3. संक्रान्ति पर्व पर आ. अनीता जी ने अपनी सुन्दर रचना के माध्यम से 'तिल गुड़ मिष्ठान' का प्रसाद बाँट कर सभी को आनन्दित कर दिया। बहुत धन्यवाद व पर्व की बधाई उन्हें।

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    1. स्वागत व आभार हृदयेश जी! आपको भी बहुत बहुत बधाई!

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  4. बहुत सुन्दर अनिता जी !
    हमारे प्रायः सभी पर्व ऋतुओं और फ़सलों से जुड़े हुए हैं और इनके सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि ये हम भारतीयों को आपस में जोड़े रखते हैं.

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    1. सही कहा है आपने, हमारे पर्व देश को एकता के सूत्र में बांधे हुए हैं

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  5. वसुधैव कुटुंबकम् की सुंदर प्रेरणा देता सुंदर सृजन।

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  6. संस्कृति है यह कैसी अद्भुत
    क़ीमत इसकी वही जानता,
    मानवता की ख़ुशबू जिसमें
    भारत को जो मातृ मानता !
    भारतीय मूल्य और संस्कृति पर सुंदर प्रेरक अभिव्यक्ति।

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  7. बहुत ही सुन्दर, भारतीय पर्वों के महत्व को प्रदर्शित करती रचना मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं

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    1. आपको भी इस पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ अभिलाषा जी!

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  8. वाह!क्या बात है !बहुत खूबसूरत अनीता जी ।

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  9. जी प्रिय अनीता जी, भारत का सौंदर्य इसकी सांस्कृतिकता और आध्यात्मिकता में ही निहित है।अनेकता में एकता की महिमा दर्शाती हुई रचना के लिए बधाई और शुभकामनाएं 🙏🙏🌹🌹

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    1. आप ने शत प्रतिशत सही कहा है, भारत का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनूठापन ही सदियों से लोगों को यहाँ खींचता आया है

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  10. थोड़े में ही सुख मिलता है
    सिखा रहा पोंगल, बीहू भी,
    फसल काटने की ऋतु आयी
    व्यक्त करें आभार कृषक भी !

    👌👌👌👌🙏🙏🌹🌹

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  11. पूरे भारत में मनाया जाने वाला त्यौहार और सच में खुशियाँ लाने वाला पर्व ...
    बहुत बधाई सभी को लोहड़ी के पावन पर्व की ...

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