रामनवमी के पावन पर्व पर
त्रेता युग में प्रकट हुए थे
मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम,
किन्तु आज भी अति ही पावन
शुभ परम सात्विक जिनका नाम !
खुद अनंत को सांत बनाया
अनुपम अवतार लिया विष्णु ने,
किंतु रहे राम नहीं सीमित
भारत भू की सीमाओं में !
राम नाम के मधुर जाप ने
सारे जग को गुंजाया है ,
हरि अनंत कथा भी अनंता
हर युग ने जिसे सुनाया है !
जन्मस्थल पर बनता मन्दिर
दिव्य स्वप्न अब पूर्ण हुआ है,
राम राज्य फिर लौटा लाएं
बाट देखता वर्तमान यह !
शुभ मूल्यों की हो स्थापना
राजाराम चले थे जिन पर,
दुनिया को नव मार्ग दिखाया
सुत आदर्श, मित्र भाई बन !
माँ सीता का नाम सदा ही
वीर राम से आगे लगता,
सहे कई अपवाद भले ही
सिया-राम ही जग यह जपता !
बहुत सुन्दर सृजन ! प्रभु राम जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार मीना जी!
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