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शुक्रवार, मई 26

शस्य श्यामला मातरम्

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शस्य श्यामला मातरम् लबालब भरे हैं पोखर अमृत जल से हरियाली का उतरा समुन्दर जैसे दूर क्षितिज तक फैले गहरे हरे वन  देख-देख ठंडक...
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Anita
यह अनंत सृष्टि एक रहस्य का आवरण ओढ़े हुए है, काव्य में यह शक्ति है कि उस रहस्य को उजागर करे या उसे और भी घना कर दे! लिखना मेरे लिये सत्य के निकट आने का प्रयास है.
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