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नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !
आसमान
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आसमान
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शनिवार, जून 29
एक खुला आसमान
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एक खुला आसमान पहुँचे नहीं कहीं मगर, हल्के हुए ज़रूर मनों ने हमारे, कई बोझे उतारे हैं बाँध कर रखा जिन्हें था, खोने के त्रास से मुक्त कि...
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शुक्रवार, दिसंबर 9
चिड़िया और आदमी
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चिड़िया और आदमी चिड़िया भोर में जगती है उड़ती है, दाना खोजती है दिन भर फुदकती है शाम हुए नीड़ में आकर सो जाती है दूसरे दिन फिर वही क्रम ...
14 टिप्पणियां:
शुक्रवार, सितंबर 16
आसमान में तिरते बादल
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आसमान में तिरते बादल खुली हवा में शावक बनकर दौड़ लगाते क्यों न जीयें, एक बार फिर बन के बच्चे वर्षा की बूंदों को पीयें ! नाव...
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