मन पाए विश्राम जहाँ

नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !

चमक लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
चमक लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
शुक्रवार, नवंबर 29

चमक

›
चमक  चारों ओर से आकाश ने घेरा है  धरा नृत्य कर रही है अपनी धुरी पर और परिक्रमा भी उस सूर्य की  जिसका वह अंश है   ऐसे ही  जैसे जीवन को सँभाला...
8 टिप्‍पणियां:
सोमवार, मार्च 18

होली है !

›
होली है ! लो फिर आ गया रंगों का त्योहार उमंगों-तरंगों में डूबने का वार पर न जाने किसने रोक रखी है भीनी फुहार ललक नहीं दिखती ग...
5 टिप्‍पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
Anita
यह अनंत सृष्टि एक रहस्य का आवरण ओढ़े हुए है, काव्य में यह शक्ति है कि उस रहस्य को उजागर करे या उसे और भी घना कर दे! लिखना मेरे लिये सत्य के निकट आने का प्रयास है.
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.