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नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !
नीलमणि
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नीलमणि
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सोमवार, मई 4
है भला वह कौन
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है भला वह कौन वह नीलमणि सा प्रखर मनहर गुंजित करता किरणों के स्वर, शब्दों से यह संसार रचा स्वयं मुस्काये, न खुलें अधर ! ...
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सोमवार, मार्च 10
नीलमणि सा कोई भीतर
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नीलमणि सा कोई भीतर कितने दर्द छिपाए भीतर ऊपर-ऊपर से हँसता है, कितनी परतें चढ़ी हैं मन पर बहुत दूर खुद से बसता है ! ...
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