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पथिक
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पथिक
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मंगलवार, अगस्त 5
उर उसी पी को पुकारे
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उर उसी पी को पुकारे झिलमिलाते से सितारे झील के जल में निहारें, रात की निस्तब्धता में उर उसी पी को पुकारे ! थिर जल में की...
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बुधवार, अक्टूबर 5
सूरज ऐसा पथिक अनूठा
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सूरज ऐसा पथिक अनूठा रोज अँधेरे से लड़ता है रोज गगन में वह बढ़ता है, सूरज ऐसा पथिक अनूठा नित नूतन गाथा गढ़ता है ! नित्य नए संकट जो आते घनघ...
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