मन पाए विश्राम जहाँ

नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !

बिछौना लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
बिछौना लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
शनिवार, जनवरी 4

अब तो कुछ बात हो

›
अब तो कुछ बात हो फूलों से बात करें, बिछौना बने घास डालियों के साथ झूमें, निहारें आस-पास चाँद संग होड़ लगे, चाँदनी संग हम भी ज...
10 टिप्‍पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
Anita
यह अनंत सृष्टि एक रहस्य का आवरण ओढ़े हुए है, काव्य में यह शक्ति है कि उस रहस्य को उजागर करे या उसे और भी घना कर दे! लिखना मेरे लिये सत्य के निकट आने का प्रयास है.
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.