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गुरुवार, जुलाई 22
एक चिंगारी असल की
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एक चिंगारी असल की दर्द भीतर सालता जो प्रेम बनकर वह बहेगा, भूल चुभती शूल बनकर पंक से सरसिज खिलेगा ! खोल दो हृदय को अपने जब साथ है रहबर ...
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