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गुरुवार, सितंबर 28

रहे साधते वीणा के स्वर

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रहे साधते वीणा के स्वर कितनी बार झुकें आखिर हम  कितनी बार पढ़ें ये आखर, जीवन सारा यूँ ही बीता  रहे साधते वीणा के स्वर ! श्वास काँपती ह्रदय डो...
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Anita
यह अनंत सृष्टि एक रहस्य का आवरण ओढ़े हुए है, काव्य में यह शक्ति है कि उस रहस्य को उजागर करे या उसे और भी घना कर दे! लिखना मेरे लिये सत्य के निकट आने का प्रयास है.
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