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रविवार, अक्टूबर 13
बहे उजाला मद्धिम-मद्धिम
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बहे उजाला मद्धिम-मद्धिम बरस रहा है कोई अविरत झर-झर झर-झर, झर-झर झर-झर भीग रहा न कोई लेकिन ढूँढे जाता सरवर, पोखर ! प्रीत...
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