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सुगंध
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बुधवार, जनवरी 3
कुसुमों में सुगंध के जैसा
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कुसुमों में सुगंध के जैसा राग नया हो ताल नयी हो कदमों में झंकार नयी हो, रुनझुन रिमझिम भी पायल की उर में करुण पुकार नयी हो ! अभी जहाँ विश...
13 टिप्पणियां:
रविवार, जून 9
गंध और सुगंध
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गंध और सुगंध जब मन द्वेष के धुंए से भर जाये या भीतर कोई चाह जगे अपने को खोजने की थोड़ी कोशिश करें यह गंध कहाँ से आ रही है ...
1 टिप्पणी:
शनिवार, अक्टूबर 25
पंख लगें उर की सुगंध को
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पंख लगें उर की सुगंध को दिल में किसी शिखर को धरना सरक-सरक कर बहुत जी लिए, पंख लगें उर की सुगंध को गरल बंध के बहुत पी लिए ! जाना है...
6 टिप्पणियां:
शुक्रवार, अक्टूबर 7
कोई है
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कोई है सुनो ! कोई है जो प्रतिपल तुम्हारे साथ है तुम्हें दुलराता हुआ सहलाता हुआ आश्वस्त करता हुआ ! कोई है जो छा जाना चाहता है तुम्हारी पल...
8 टिप्पणियां:
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