मन पाए विश्राम जहाँ
नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !
गुरुवार, अप्रैल 7
अद्वैत की महक
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अद्वैत की महक चलो, उठ खड़े हों, झाडें सिलवटों को मन के कैनवास को फैला लें क्षितिज तक प्यार के रंगो से फिर कोई खूबसूरत सोच रंग डालें ! चलो ऑ...
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मंगलवार, अप्रैल 5
या रब
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या रब या रब हो मेरे दिल का इतना बड़ा मकां दुनिया के सब गमों को उसमें पनाह मिले ! बरसें मेरे आंगन में चाहे न बदलियाँ सरहद के उस पार पर पानी ...
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रविवार, अप्रैल 3
नहीं खेल कोई क्रिकेट सरीखा
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नहीं खेल कोई क्रिकेट सरीखा सोने की किरणों की चादर मानो थी भारत ने ओढ़ी, शरमाने लगे सितारे भी जगमग रोशनियाँ जब छोडीं ! एक नया इतिहास बनाय...
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शुक्रवार, अप्रैल 1
नर्तक एक अनोखा देखा
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नर्तक एक अनोखा देखा धूप नाचती नाचे छाया वृक्ष नाचते नाचे काया, मुंदी पलक में स्वप्न थिरकते उपवन उपवन पुष्प नाचते ! शिशु कोख में माँ में ...
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बुधवार, मार्च 30
मन राधा उसे पुकारे
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मन राधा उसे पुकारे झलक रही नन्हें पादप में एक चेतना एक ललक, कहता किस अनाम प्रीतम हित खिल जाऊँ उडाऊं महक ! पंख तौलते पवन में पाखी यूँ ही तो...
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मंगलवार, मार्च 29
अमृत का एक द्वार छिपा
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रात और दिन दो मित्रों से मिलते रहते हैं अविराम, जीवन के कोरे कागज पर रंग बिखेरें सुबहोशाम ! पलक झपकते में मिल जाता अमृत का एक द्वार छिपा...
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रविवार, मार्च 27
सुरमई शाम
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सुरमई शाम ढल रही है शाम ऐसे इक मधुर सुस्व्प्न जैसे ! नील अम्बर मुग्ध तकता बादलों के पार हँसता, तैरते हैं कुछ विहग लें आखिरी उड़ान खग ! वृक्ष...
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गुरुवार, मार्च 24
सच के फूलों की फसल
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सच के फूलों की फसल कागज पर उतरते हैं शब्द साथ चली आती है नामालूम सी उदासी की लहर उपजी है जो भीतर किसी गहरे अंतराय से ! सत्य के पक्ष में...
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बुधवार, मार्च 23
आधुनिक शिक्षा प्रणाली
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आधुनिक शिक्षा प्रणाली स्कूल में पधारे अतिथि ने, आँखों में ऑंखें डाल एक बच्चे से पूछा सवाल बेटा, बड़े होकर क्या बनना चाहते हो ? बच्चा कुछ ज्...
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सोमवार, मार्च 21
महाप्रलय
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महाप्रलय कैसी होती है महाप्रलय झांका जब मैंने ग्रंथों में, जहाँ पुकार-पुकार कह रहे कवि-ऋषि अति स्पष्ट शब्दों में ! सृष्टि बनती और बिगड़ती ज...
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शनिवार, मार्च 19
देखो आयी होली
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देखो आयी होली बौराया आम्र, मंजरी झूल रही गर्वीली हवा फागुनी मस्त हुई बिखरी सुवास नशीली ! मोहक, मदमाता मौसम खिली पलाश की डाली धूम मचाती, र...
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