मन पाए विश्राम जहाँ
नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !
मंगलवार, अप्रैल 30
वृद्धावस्था
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वृद्धावस्था नहीं भाता अब शोर जहाँ का अखबार बिना खोले पड़ा रह जाता है टीवी खुला भी हो तो दर्शक सो जाता है गर्दन झुकाए क...
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शुक्रवार, अप्रैल 26
ऐसी हो अपनी पूजा
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ऐसी हो अपनी पूजा लक्ष्य परम, हो मन समर्पित हृदयासन पर वही प्रतिष्ठित ! शांतिवेदी, ज्ञानाग्नि प्रज्वलित भावना लौ, प्रेम प...
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बुधवार, अप्रैल 24
जिंदगी अनमोल मोती सी जड़ी है
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जिंदगी अनमोल मोती सी जड़ी है मर गए जो वे सहारा ढूंढते हैं जिंदगी तो पांव अपने पर खड़ी है इक पुराना, इक नया कल बाँधता जिं...
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सोमवार, अप्रैल 22
जैसे कोई गीत सुरीला
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जैसे कोई गीत सुरीला शशि, दिनकर नक्षत्र गगन के, धरा, वृक्ष , झोंके पवन के बादल, बरखा, बूंद, फुहारें, पंछी, पुष्प, भ्रमर गुंजार...
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शुक्रवार, अप्रैल 19
रत्नाकर की थाह कौन ले
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रत्नाकर की थाह कौन ले सागर ने जिस क्षण से स्वयं को लहरें होना मान लिया, बनना, मिटना, आहत होना उस पल से ही ठान लिय...
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मंगलवार, अप्रैल 16
नव गीत नव छंद सुनाये
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नव गीत नव छंद सुनाये सहज प्रेम जीवन में आये, कैसी उलटफेर कर जाये जो भी सच लगता था पहले स्वप्न सरीखा उसे बनाता छुपा हुआ भीतर ...
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रविवार, अप्रैल 14
कोई है
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कोई है कोई है सुनो ! कोई है जो प्रतिपल तुम्हारे साथ है तुम्हें दुलराता हुआ सहलाता हुआ आश्वस्त करता हुआ ! कोई है जो छा...
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बुधवार, अप्रैल 10
जैसे कोई दीप जला हो
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जैसे कोई दीप जला हो प्रीत पुरानी युगों-युगों की याद दिलाये उस बंधन की, रास रचाया था जब मिलकर छवि भर ली थी कमल नयन की ! ...
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गुरुवार, अप्रैल 4
ट्रेन की खिड़की से
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ट्रेन की खिड़की से उस दिन दिखे थे दूर तक फैले सजे-संवरे चौकोर खेत कतारों में उगी फसलें तैरती बत्तखें, लघु नाव निकट पटर...
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सोमवार, अप्रैल 1
आसमां की मौन चादर
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आसमां की मौन चादर श्वेत कंचन खिलखिला कर तितलियाँ कुछ मुस्कुरा कर श्याम भंवरे गुनगुना कर क्या सुनाते हैं ? सुनें हम ! ...
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