मन पाए विश्राम जहाँ
नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !
शुक्रवार, मार्च 29
इस उमंग का राज छुपा है
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इस उमंग का राज छुपा है जाने क्यों दिल डोला करता नहीं किसी को तोला करता, जब सब उसके ही बंदे हैं भेद न कोई भोला करता ! ...
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गुरुवार, मार्च 28
जीवन मधुरिम काव्य परम का
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जीवन मधुरिम काव्य परम का फिरे सहज श्वासों की माला मन भाव सुगंध बने, जीवन मधुरिम काव्य परम का इक सरस प्रबंध बने ! जग...
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बुधवार, मार्च 27
दूर कोई गा रहा है
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दूर कोई गा रहा है कौन जाने आस किसकी किस बहाने आँख ठिठकी प्रीत की गागर बना दिल बेवजह छलका रहा है ! चढ़ हवाओं के प...
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शुक्रवार, मार्च 22
झर-झर झरता वह उजास सा
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झर-झर झरता वह उजास सा कोई पल-पल भेज सँदेसे देता आमन्त्रण घर आओ , कब तक यहाँ वहाँ भटकोगे मस्त हो रहो , झूमो , गाओ ! ...
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मंगलवार, मार्च 19
अगन होलिका की है पावन
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अगन होलिका की है पावन बासंती मौसम बौराया मन मदमस्त हुआ मुस्काया , फागुन पवन बही है जबसे अंतर में उल्लास समाया ! रंगों...
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मंगलवार, मार्च 12
बिखरा दूँ, फिर मुस्का लूँ
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बिखरा दूँ , फिर मुस्का लूँ खाली कर दूँ अपना दामन जग को सब कुछ दे डालूँ , प्रीत ह्रदय की , गीत प्रणय के बिखरा दूँ , फि...
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शनिवार, मार्च 9
सत्यमेव जयते
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सत्यमेव जयते कहा जा रहा है जो भी कहा जाना चाहिए न ही छिपा है और न ही थमा है हो रहा है विरोध जो किया जाना चाह...
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शनिवार, मार्च 2
जिन्दगी का गीत मिलकर
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जिन्दगी का गीत मिलकर सादगी हो जिन्दगी में दिलों में थोड़ी शराफत, दिन कयामत अगर आये खुशदिली से करें स्वागत ! नफरतों की बा...
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बुधवार, फ़रवरी 27
भारत
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भारत आज समरांगण बना शांति प्रिय यह देश ! अहिंसा परम धर्म , हिंसा इसे न भायी हो विवश निज रक्षा हित बंदूक उठायी युद्ध का मै...
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शनिवार, फ़रवरी 23
एक जागरण ऐसा भी हो
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एक जागरण ऐसा भी हो पल में गोचर हो अनंत यह इक दृष्टिकोण ऐसा भी हो, जिसकी कोई रात न आये एक जागरण ऐसा भी हो ! कुदरत निशद...
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बुधवार, फ़रवरी 20
नभ झाँके जिस पावन पल में
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नभ झाँके जिस पावन पल में सुखद खुमारी अनजानी सी ‘मदहोशी’ जो होश जगाए , सुमिरन की इक नदी बह रही रग-रग तन की चले भिगाए ! ...
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