शुक्रवार, अक्तूबर 18

उसका नाम

उसका नाम


जब कोरा हो मन का पन्ना
तभी लिख लो प्रियतम का नाम उस पर
नहीं तो जमाना लिख देगा
इधर-उधर की इबारतें
महत्वाकांक्षा की दौड़ ले जायेगी खुद से दूर
 फिर पुकार भी उसकी
 कानों तक नहीं आयेगी
इक झूठ को जीते चले जाने से
 नहीं हो जाता वह सच
 नकली पहचान बनाने की जिद में
असली पहचान भी खो जाएगी
जब पढ़ा जा सकता हो साफ-साफ
तभी उकेर दो उसका नाम
 मन के कोरे कागज पर.. 

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