खुशबू निशानी सी
जाने कहाँ से आ रही
खुशबू रुहानी सी !
तन मन डुबोए जा रही
खुशबू सुहानी सी !
मदमस्त यह आलम हुआ
खुशबू अजानी सी !
नासपुटों में समा रही
खुशबू पुरानी सी !
जाने से पूर्व रख गया
खुशबू निशानी सी !
रग-रग में बहे रक्त सी
खुशबू रवानी सी !
सुरति के तार छेड़ गयी
खुशबू कहानी सी !
आयी नहीं राहें तकी
खुशबू न मानी सी !
वाह ..... सारा आलम खुशबूनुमा हो रहा है ...... सुकून देती रचना .
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंवाह खुशबू लुभावनी सी !!
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