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सोमवार, सितंबर 11

रस मकरंद बहा जाता है

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रस मकरंद बहा जाता है अंजुरी क्यों रिक्त है अपनी  रस मकरंद बहा जाता है, साज नवीन सजे महफिल में  सन्नाटा क्यों कर भाता है ! ...
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Anita
यह अनंत सृष्टि एक रहस्य का आवरण ओढ़े हुए है, काव्य में यह शक्ति है कि उस रहस्य को उजागर करे या उसे और भी घना कर दे! लिखना मेरे लिये सत्य के निकट आने का प्रयास है.
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