मन पाए विश्राम जहाँ
नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !
नियम
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
नियम
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
शुक्रवार, अगस्त 11
विभूति
›
विभूति सुना है तेरी मर्ज़ी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता कोई चुनाव भी करता है तो तेरे ही नियमों के भीतर चाँद-तारे तेरे बनाये रास्तों पर ...
8 टिप्पणियां:
शुक्रवार, अप्रैल 3
देर है वहां अंधेर नहीं
›
देर है वहां अंधेर नहीं देर है वहां अंधेर नहीं तभी पुकार सुनी धरती की सूक्ष्म रूप में भू पर आके व्यवस्था काल लगा है लाने ...
2 टिप्पणियां:
शुक्रवार, अगस्त 30
खो गया है आदमी
›
खो गया है आदमी भीड़ ही आती नजर खो गया है आदमी, इस जहाँ की इक फ़िकर हो गया है आदमी ! दूर जा बैठा है खुद फ़ासलों की हद ...
16 टिप्पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें