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पावन
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पावन
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बुधवार, जून 28
हर बार
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हर बार हर संघर्ष जन्म देता है सृजन को अत: भागना नहीं है उससे चुनौती को अवसर में बदल लेना है कई बार बहा ले जाती है बाढ़ व्यर्थ अपने साथ...
8 टिप्पणियां:
बुधवार, जून 8
छुए जाता है पवन ज्यों
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छुए जाता है पवन ज्यों ज़िंदगी पल-पल गुजरती रूप निज हर क्षण बदलती, जैसे मिले, स्वीकार लें देकर प्रथम, अधिकार लें ! व्यर्थ ही हम जूझते ह...
17 टिप्पणियां:
सोमवार, अप्रैल 11
सत्य
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सत्य “ सत्य समान नहीं कोई पावन सत्य आश्रय मन अपावन, नदियाँ ज्यों दौड़ें सागर में सत्य साध्य है सत्य ही साधन ! ” जो सत्य ...
1 टिप्पणी:
शनिवार, फ़रवरी 8
बहने दो
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बहने दो बहने दो पावन रसधार, मत रोको ! झरने दो सजल अश्रुधार, मत टोको माना मन परिचित है बंधन से डरता है अनहद की गुंजन से खिलने दो अन्त...
13 टिप्पणियां:
सोमवार, फ़रवरी 11
सभी जोड़ों को समर्पित जिनके विवाह की सालगिरह इस हफ्ते है
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कल बड़े भैया-भाभी के विवाह की वर्षगाँठ है, यह कविता उनके साथ उन सभी के लिए है जिनके विवाह की सालगिरह इस हफ्ते है. विवाह की वर्षगाँठ ...
30 टिप्पणियां:
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