मन पाए विश्राम जहाँ
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यादें
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मंगलवार, मई 7
सदा रहे उपलब्ध वही मन
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सदा रहे उपलब्ध वही मन यादों का इक बोझ उठाये मन धीरे-धीरे बढ़ता है, भय आने वाले कल का भर ऊँचे वृक्षों पर चढ़ता है ! वृक्ष विचारों के ही ग...
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शुक्रवार, फ़रवरी 14
ढाई आखर जिसने बांचे
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ढाई आखर जिसने बांचे ढाई आखर जिसने बाँचे अंतर पिघल-पिघल बह जाये, अधरों पर स्मित नयन मद भरे एक रहस्य मधुर बन जाये ! कदमों में म...
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बुधवार, मई 27
कुछ भूली-बिसरी यादें
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कुछ भूली-बिसरी यादें लंबा, छरहरा कद, गेहुँआ रंग, फुर्तीला तन और आवाज में युवाओं का सा जोश. ऐसे हैं माथुर अंकल ! जब भी आंटी के साथ ...
बुधवार, नवंबर 6
कण-कण सृष्टि का यह गाता
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कण-कण सृष्टि का यह गाता कुछ यादें, कुछ बातें मनहर याद दिलाये आज का पल हर उच्च भाल पर तिलक सज रहा नयनों में छाया वह मंजर ! ...
मंगलवार, नवंबर 5
भाई दूज पर शुभ स्नेह सहित
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भाई दूज पर शुभ स्नेह सहित कुछ यादें, कुछ बातें मनहर याद दिलाये आज का पल हर उच्च भाल पर तिलक सज रहा नयनों में छाया वह मंजर ...
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मंगलवार, दिसंबर 14
कोई मेघ प्रीत बन बरसा
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कोई मेघ प्रीत बन बरसा दिल के आँगन की मुंडेर पे, यादों की गौरैया चहकी फूलों वाले इस मौसम में, मदमाती पुरवैया महकी I स्मृतियों की चूनर ओढ़...
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