मन पाए विश्राम जहाँ
नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !
हास
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
हास
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
सोमवार, सितंबर 23
शृंगार
›
शृंगार सज गया स्मित हास अधरों पर नयनों में स्वप्नों का काजल, दुल्हन का श्रृंगार हो गया मुखड़े पर लज्जा का आँचल ! सहज मैत्री, विश्वास, आस...
9 टिप्पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें