मन पाए विश्राम जहाँ

नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !

रविवार, नवंबर 25

दिल के तो पास है

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प्रिय ब्लॉगर साथियों ,  मैं बनारस व बैंगलोर की यात्रा पर जा रही हूँ, अब दिसंबर के तीसरे सप्ताह में मुलाकात होगी. आने वाले वर्ष के लिए तथा...
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गुरुवार, नवंबर 22

प्रेम की सीढ़ी मन चढ़ता है

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प्रेम की सीढ़ी मन चढ़ता है रेशमी ख्वाब बुनने हैं, रोशनी के गीत गुनने हैं चांदनी चादर बिछा दो, फूल कुछ खास चुनने हैं पां...
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सोमवार, नवंबर 19

पारिजात क्यों झर जाते हैं

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फूलों, रंगों, झरनों वाले, क्यों भाते हैं गीत तू बसता है इनमें स्वयं ही, तू जो सबका मीत ! कुहू कुहू कूजन वूजन सब तुझसे...
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शुक्रवार, नवंबर 16

कवयित्री डॉ माधुरी लता पाण्डेय का काव्य-संसार - खामोश ख़ामोशी और हम में

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खामोश खामोशी और हम की अगली कवयित्री हैं, वाराणसी में जन्मी व पढीं डा. माधुरी लता पाण्डेय . सम्प्रति माधुरी जी अध्यापनरत हैं. इनका इ-मेल ...
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सोमवार, नवंबर 12

“इक काव्य रचा जाता है पल पल इस सृष्टि में “

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“ इक काव्य रचा जाता है पल पल इस सृष्टि में “ जाने कहाँ से आ रही खुशबू रुहानी सी ! तन मन डुबोए जा रही खुशबू सुहानी सी ! ...
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शुक्रवार, नवंबर 9

सब घटता है सहज यहाँ

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सब घटता है सहज यहाँ रात ढली, दिन उगा बोलो किसको श्रम हुआ, हवा बही सुरभि लिए बोलो किसने दाम दिए ! शिशु जन्मा, पांव चला क...
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सोमवार, नवंबर 5

हर जगह है हाथ कोई

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हर जगह है हाथ कोई बेसुरी न बांसुरी हो शहद जैसी माधुरी हो, जिंदगी यह कीमती है ज्यों कमल की पाँखुरी हो ! प्रीत सुर भीतर जगे...
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शनिवार, नवंबर 3

कवि मुकेश का कविता संसार -खामोश ख़ामोशी और हम में

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खामोश ख़ामोशी और हम के अगले कवि हैं, श्री मुकेश कुमार तिवारी . मध्य प्रदेश के निवासी मुकेश जी पेशे से इंजिनियर हैं,कविता व व्यंग्य लेखन ...
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Anita
यह अनंत सृष्टि एक रहस्य का आवरण ओढ़े हुए है, काव्य में यह शक्ति है कि उस रहस्य को उजागर करे या उसे और भी घना कर दे! लिखना मेरे लिये सत्य के निकट आने का प्रयास है.
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