मन पाए विश्राम जहाँ

नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !

शुक्रवार, मार्च 29

शाम अब ढलने लगी है

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शाम अब ढलने लगी है आसमां से चाँद झांके इक चमकती गेंद जैसे रोशनी की नील अम्बर पर खिला हो पीतवर्णी पुष्प कोई... गुलमोहर ...
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मंगलवार, मार्च 26

होलिका दहन से होली मिलन तक

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होलिका दहन से होली मिलन तक बासंती मौसम बौराया मन मदमस्त हुआ मुस्काया, पवन फागुनी बही है जबसे अंतर में उल्लास समाया ! ...
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शनिवार, मार्च 23

एक बूंद मानव का देय

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एक बूंद मानव का देय रंगों की बौछार हो रही पल-पल इस सुंदर सृष्टि में, लाखों-लाखों रंग छिपे हैं नहीं समाते जो दृष्टि में ...
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गुरुवार, मार्च 21

श्याम रंग में भीगा अंतर

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श्याम रंग में भीगा अंतर रंग डाला किस रंग में तूने कान्हा रंग रसिया है मन का, राधा रंगी थी मीरा जिसमें हुआ सुवासित कण-कण...
14 टिप्‍पणियां:
मंगलवार, मार्च 19

ठिठक गयी कोयल की कूक

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ठिठक गयी कोयल की कूक मुरझाई सी आम्र मंजरी ठिठक गयी कोयल की कूक, जाने कौन निगोड़ी आकर गई कान में उसके फूँक ! कैसे घोले...
15 टिप्‍पणियां:
सोमवार, मार्च 18

होली है !

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होली है ! लो फिर आ गया रंगों का त्योहार उमंगों-तरंगों में डूबने का वार पर न जाने किसने रोक रखी है भीनी फुहार ललक नहीं दिखती ग...
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गुरुवार, मार्च 14

पांखुरी-पांखुरी मन खिलता है

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पांखुरी-पांखुरी मन खिलता है एक निर्झरी सी भावों की जाने कहाँ से फूटी भीतर, हटा पत्थरों की सीमा को उमड़े ज्यों जलधार निरंतर ...
21 टिप्‍पणियां:
सोमवार, मार्च 11

महाकुम्भ के समापन पर

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महाकुम्भ के समापन पर कल-कल छल-छल बहती गंगा यमुना जिसमें आ कर मिलती, यही त्रिवेणी है प्रयाग की छुपी है जिसमें सरस्वती ! ...
19 टिप्‍पणियां:
शनिवार, मार्च 9

महाशिवरात्रि के अवसर पर शुभकामनाओं सहित

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शम्भो शंकर हे महादेव शूलपाणि, हे गंगाधर, हे महादेव, औघड़ दाता हे त्रिपुरारी, शंकर शम्भो, हे जगनायक, जग के त्राता ! हे शिव...
7 टिप्‍पणियां:
गुरुवार, मार्च 7

विश्व महिला दिवस पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ

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स्त्री विमर्श स्त्री, स्त्री है उसके पूर्व मानवी है मानव होना भूल गए हैं आज हम देह मात्र नहीं है मानव मनन ही बनाता है मानव को म...
12 टिप्‍पणियां:
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Anita
यह अनंत सृष्टि एक रहस्य का आवरण ओढ़े हुए है, काव्य में यह शक्ति है कि उस रहस्य को उजागर करे या उसे और भी घना कर दे! लिखना मेरे लिये सत्य के निकट आने का प्रयास है.
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