मन पाए विश्राम जहाँ
नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !
सोमवार, मई 27
इक दिया, कुछ तेल, बाती
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इक दिया, कुछ तेल, बाती खो गया है कोई घर में चलो उसको ढूँढ़ते हैं बह रहा जो मन कहीं भी बांध कोई बाँधते हैं आँधियों की ऊर्ज...
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शनिवार, मई 25
मन राधा बस उसे पुकारे
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मन राधा बस उसे पुकारे झलक रही नन्हें पादप में एक चेतना एक ललक, कहता किस अनाम प्रीतम हित खिल जाऊँ उडाऊं महक ! पंख तौलते ...
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मंगलवार, मई 21
स्वयं ही स्वयं को लिखता पाती
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स्वयं ही स्वयं को लिखता पाती जीवन है सौगात अनोखी माँ का आंचल, पिता का सम्बल, प्रियतम का सुदृढ़ आश्रय वात्सल्य का निर्मल सा जल...
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शुक्रवार, मई 17
मृत्यु एक पड़ाव भर है
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मृत्यु एक पड़ाव भर है जन्म के पीछे छिपी है मृत्यु ज्ञानी तत्क्षण देख रहा है, नई यात्रा पर जाना है मृत्यु एक पड़ाव भर है ! ...
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मंगलवार, मई 14
वर्षा
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वर्षा अमृत छलका दानी नभ से सिहरा रोम-रोम धरती का जागे वृक्ष, दूब अंकुराई शीतलता आंचल में भर पवन लहराई. भीगा तन पाखी...
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गुरुवार, मई 9
अम्बर भी है बातें करता
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अम्बर भी है बातें करता एक सहज उल्लास जगायें भीतर इक विश्वास उगायें, प्रेम लहर अंतर को धोए कैसे वह प्रियतम छिप पाए ! ...
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मंगलवार, मई 7
ऐसा भी होता जीवन में
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ऐसा भी होता जीवन में छा जाता भीतर सन्नाटा कोई शब्द न लेता श्वास, कविता जैसा कुछ उभरेगा नहीं जगाता कोई आस ! जैसे बंद ...
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शनिवार, मई 4
याद दिलाता है हर मंजर
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याद दिलाता है हर मंजर सूना-सूना घर तकता है मालिक घर के कहाँ गये, खाली कमरा दिक् करता है जल्दी लौटें जहाँ गये ! हर इतव...
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मंगलवार, अप्रैल 30
वृद्धावस्था
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वृद्धावस्था नहीं भाता अब शोर जहाँ का अखबार बिना खोले पड़ा रह जाता है टीवी खुला भी हो तो दर्शक सो जाता है गर्दन झुकाए क...
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शुक्रवार, अप्रैल 26
ऐसी हो अपनी पूजा
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ऐसी हो अपनी पूजा लक्ष्य परम, हो मन समर्पित हृदयासन पर वही प्रतिष्ठित ! शांतिवेदी, ज्ञानाग्नि प्रज्वलित भावना लौ, प्रेम प...
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बुधवार, अप्रैल 24
जिंदगी अनमोल मोती सी जड़ी है
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जिंदगी अनमोल मोती सी जड़ी है मर गए जो वे सहारा ढूंढते हैं जिंदगी तो पांव अपने पर खड़ी है इक पुराना, इक नया कल बाँधता जिं...
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