मन पाए विश्राम जहाँ
नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !
सोमवार, अगस्त 5
ओट में पर्दे की बैठे
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ओट में पर्दे की बैठे दिल पे कितना बोझ धारे चल रहे हम कुछ तमन्नाएँ अधूरी आरजू जो हुई न पूरी कुछ पूरानी दास्तानें अनपढ़...
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शुक्रवार, अगस्त 2
सदियों से थिर थे जो पर्वत
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सदियों से थिर थे जो पर्वत उतरी है गोमुख से गंगा गंगोत्री में तनिक ठहरती, हिम शिखरों से ले शीतल जल चट्टानों में मार्ग बनाती ! ...
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बुधवार, जुलाई 31
जुड़ें रहें जो मूल से
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जुड़ें रहें जो मूल से उस दिन एक वृक्ष को बतियाते देखा वही गीता वाला पीपल का वह विशाल वृक्ष ! जिसका मूल है ऊपर, शाखाए...
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सोमवार, जुलाई 29
स्मृति का देवदूत
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स्मृति का देवदूत याद के घट में प्रीत की नमी भरके जब दिल के करीब लाई ही थी वह क्षण भर भी नही लगा बादल छा गये अंतर आकाश पर ...
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शुक्रवार, जुलाई 26
वह क्षण
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वह क्षण दूधिया प्रकाश सी.. झक सफेद अधरों से छलकी नयनों से बरसी तुम्हारी हँसी जिस क्षण थम गया है वह क्षण वहीं ! तुम्हें य...
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बुधवार, जुलाई 24
एक दिन अचानक
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एक दिन अचानक सुना तो था उसने सबसे प्रेम करो पर दिल का दरवाजा था कि खुलता ही नहीं था सबके लिए.... जंग लग गयी सिटकनी में या ...
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सोमवार, जुलाई 22
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आप सभी को शुभकामनायें
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गुरु पूर्णिमा सदगुरु दूत खुदा का न्यारा उसकी ओर ही करे इशारा I जग को रब की खबर सुनाये उस जैसा ही नेह लुटाए I एक यही लाय...
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शुक्रवार, जुलाई 19
यह कैसी विरासत
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यह कैसी विरासत बच्चा प्रेम से भरा आता है जग में कोमल भावनाओं से ओत-प्रोत अक्सर दबा ही रह जाता है भीतर प्रेम का बीज जिसे सीं...
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मंगलवार, जुलाई 16
अग्नि एक संकल्प की जगे
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अग्नि एक संकल्प की जगे जाना है दूर अति सुदूर पावों में पड़ी हैं बेड़ियाँ , कांटे बिखरे कदम-कदम पर पुकारतीं किन्तु रण भेरि...
10 टिप्पणियां:
शुक्रवार, जुलाई 12
बहती अमृत धार रसीली
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बहती अमृत धार रसीली अनगिन, अविरत, झर-झर देखो धाराएँ अम्बर से बरसें, नद-नाले पोखर झीलों के सूने घट भर जाएँ फिर से ! ताप ले...
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