मन पाए विश्राम जहाँ

नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !

बुधवार, जनवरी 31

कुछ दिन तो गुजारें गुजरात में

›
प्रिय ब्लॉगर मित्रों, पिछले दिनों गुजरात की यात्रा का सुअवसर प्राप्त हुआ, यात्रा विवरण लिखने में समय लगेगा, सोचा, जो भाव अभी मन में ताजा हैं...
7 टिप्‍पणियां:
मंगलवार, जनवरी 30

जल

›
जल  हम छोटे-छोटे पोखर हैं  धीरे-धीरे सूख जाएगा जल  भयभीत हैं यह सोचकर  सागर दूर है  पर भूल जाते हैं  सागर ही  बादल बनकर बरसेगा  भर जाएँगे पु...
5 टिप्‍पणियां:
रविवार, जनवरी 21

राम

›
  राम  एक शब्द नहीं है राम  न ही कोई विचार  बाल्मीकि के मन का  भाव जगत की वस्तु भी  नहीं है तुलसी के  परे है हर शब्द, भाव व विचार से  एक अमू...
4 टिप्‍पणियां:
मंगलवार, जनवरी 16

हर दिन नयी भोर उगती है

›
हर दिन नयी भोर उगती है दिन भी सोया सोया गुजरा  दु:स्वप्नों में बीती है रात,  जाग जरा, ओ ! देख मुसाफ़िर  प्रमाद लगाये बैठा घात ! चाह अधूरी सर...
6 टिप्‍पणियां:
सोमवार, जनवरी 15

पुनः अयोध्या लौटते राम

›
पुनः अयोध्या लौटते  राम सारे भूमण्डल में फैली  रामगाथा में बसते राम,  जन्मे चैत्र शुक्ल नवमी को मर्यादा हर सिखाते राम ! पैरों में पैजनियां प...
4 टिप्‍पणियां:
शुक्रवार, जनवरी 12

जब अनंत को सांत बनाया

›
जब अनंत को सांत बनाया  त्रेता युग में प्रकटे थे वह  मर्यादापुरुषोत्तम राम,   युग-युग से भजता आया जग  पावन अतीव मनोहर  नाम ! जब अनंत को सांत ...
8 टिप्‍पणियां:
बुधवार, जनवरी 10

एक लपट मृदु ताप भरे जो

›
एक लपट मृदु ताप भरे जो  बैंगनी फूलों की डाल से फूल झर रहे झर-झर ऐसे,  लहरा कर इक पवन झकोरा  सहलाये ज्यों निज आँचल से ! याद घेर लेती है जिसकी...
4 टिप्‍पणियां:
सोमवार, जनवरी 8

बूँद एक घर से निकली थी

›
बूँद एक घर से निकली थी  अंधकार में ठोकर खाते  आँखें बंद किए चलते हैं,  जाने कौन  मोह में फँस कर  अक्सर ख़ुद को ही छलते हैं ! छोटी-छोटी इच्छा...
8 टिप्‍पणियां:
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
Anita
यह अनंत सृष्टि एक रहस्य का आवरण ओढ़े हुए है, काव्य में यह शक्ति है कि उस रहस्य को उजागर करे या उसे और भी घना कर दे! लिखना मेरे लिये सत्य के निकट आने का प्रयास है.
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.