भारत के उन्यासिवें स्वतंत्रता दिवस पर
हार्दिक शुभकामनाओं सहित
रोक सकेगा नहीं विश्व यह
भारत के बढ़ते कदमों को,
विश्व आज पीछे चलता है
पंख मिले इसके सपनों को !
जहाँ कदम रखे ना किसी ने
दूर चाँद को छू कर आया,
देश की सीमाएँ सुरक्षित
दुश्मन जिसको भेद न पाया !
हरित ऊर्जा में है अग्रिम
पर्यावरण की अति परवाह,
विकसित होने की भारत के
जर्रे-जर्रे में भरी चाह !
अध्यात्म का मार्ग दिखलाता
योग सभी को सिखलाया है,
संपन्नता व समृद्धि में भी
पहले पाँच में यह आया है !
लेते हैं संकल्प आज, हर
क्षमता का उपयोग करेंगे,
भारत के बढ़ते कदमों को
कभी न पीछे हटने देंगे !
सुन्दर और सार्थक सृजन । स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक बधाई ।
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार मीना जी!
हटाएंबहुत ही सुंदर कविता जिस में भारत का सार है।
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
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