बीता बरस जरूर है
बीत न जाये प्यार,
आने वाले साल में
खुशियाँ मिलें हजार ।
जंग लगे न सोच पर
बना रहे उल्लास,
हर पल यहाँ अमोल है
जो भी अपने पास ।
श्वासों में विश्वास हो
उर में सुर संगीत,
कदमों में थिरकन भरी
कहता जीवन गीत ।
सुख की चादर ओढ़ कर
दुख न आये द्वार ,
पलकों के अश्रु बनें
अधरों पर मुस्कान ।
सुख की चादर ओढ़ कर
जवाब देंहटाएंदुख न आये द्वार ,
- यह कह कर आपने चेता दिया ,अच्छा किया .माधुर्य बना रहे !
रसपूर्ण शुभेच्छा के लिए आभार !
हटाएंमंगलकामनाएँ
जवाब देंहटाएंआपको भी नूतन वर्ष के लिए मंगलकामनाएं !
हटाएंसुरुचि एवं सुसंवेदन से परिपूर्ण कामनाएं नव वर्ष में फलीभूत हों .
जवाब देंहटाएंआमीन !
हटाएंसार्थक कविता
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंबहुत सुन्दर..नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें...
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंसुख की चादर ओढ़कर दुःख न आये द्वार ...
जवाब देंहटाएंबहतरीन पंक्तियाँ ... नव वर्ष को आशा सब और खुशियाँ लाये ... मंगलमय हो जीवन आपका ...
आपको भी नूतन वर्ष एक लिए शुभकामनायें !
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