मन की बात
मन की बात कही आपने,
मन की बात सुनी सभी ने !
सुन कर इसको गुनना होगा,
स्वप्न नया फिर बुनना होगा !
सबको सम अधिकार मिलेंगे,
जब बेटा बेटी दोनों खिलेंगे !
प्रगतिशील बनेगा जन जन,
शक्ति प्रकटेगी हर तन मन !
दुनिया के दो गणतन्त्र मिल,
राह दिखायें पा लो मंजिल !
विश्व बने सबका परिवार,
प्यार बढ़े न हो तकरार !
निज भूमिका सभी निभाएं,
जीवन को इक पर्व बनाएं !
बहुत सार्थक अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा....बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंनयी पोस्ट@मेरे सपनों का भारत ऐसा भारत हो तो बेहतर हो
मुकेश की याद में@चन्दन-सा बदन
कैलाश जी व प्रसन्न जी, स्वागत व आभार !
जवाब देंहटाएंमन के सच्चे भावों की प्रस्तुति....
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