नींदें हैं सदियों की
नींदें हैं सदियों की
छोटे से जीवन में
भरना है आकाश,
नन्ही सी बगिया में
पलना है पलाश !
कुछ ही तो पल होंगे
जीवन मुस्काएगा,
पलकों में पल भर ही
सपना भर पायेगा !
नींदें हैं सदियों की
क्षण भर में टूटेंगी,
मंजिल को पाने की
हसरत भी छूटेगी !
आप से पूरी तरह सहमत हूँ लाजवाब प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसिर्फ एक शब्द ...लाज़वाब !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंरचना जी, संजय जी व मदन जी, स्वागत व आभार !
जवाब देंहटाएंपल की सार्थकता -जीवन की उपलब्धि !!
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