गुरुवार, दिसंबर 21

भारत का प्रकाश फैलेगा

 भारत का प्रकाश फैलेगा 

युद्धों की ज्वाला में जलता 

विश्व छिपा है अंधकार में,  

 भारत का प्रकाश फैलेगा 

शांति सिखाता हर विचार में ! 


पर्यावरण की धुन जिन्हें है 

राकेट-गोले बम दागते, 

घायल करके धरती का दिल 

मासूमों का रक्त बहाते ! 


 आश्रय में रहे प्रकृति माँ के

मानव का विकास तब संभव,  

बहे अनंत कृपा अनंत की 

जिसकी कृति यह अति सुंदर भव !


 नये वर्ष में जागे विवेक

विध्वंस न हो नव सृजन घटे,

हो उत्कर्ष सदा मूल्यों का 

साहचर्य का उल्लास बढ़े !


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