अर्थ
हर जगह नहीं हो सकते हम
हो सकती है एक शुभेच्छा
एक सद्भावना सारे विश्व के लिए
पहुँच सकते हैं जहाँ तक कदम
जाना ही होगा
अपने कंधों पर
थोड़ा सा बोझ तो उठाना होगा
अस्तित्त्व दिन रात
रत है अनथक
सिपाही मुस्तैद हैं सीमा पर
शिक्षक स्कूलों में
और हवा चारों दिशाओं में
नदियाँ निकल पड़ी हैं खेतों को सींचने
तितलियाँ
फूलों से पराग बिखेरने
हर कोई कर्म में लगा है
हम भी चुन लें अपने हाथों के लिए
कोई माकूल काम
और जीवन को अर्थ मिले !
सुन्दर
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 2 दिसंबर को साझा की गयी है....... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार पम्मी जी !
हटाएं