तू
तू चाहता है
मैं तुझे सुनूँ
इसीलिए तूने मेरे कानों में संगीत भर दिया
तू चाहता है
मैं तुझे पढ़ूँ
इसीलिए तूने
मेरे हाथों में किताबें थमा दीं
तू चाहता है
मैं तुझे लिखूँ
इसीलिए तूने
मेरे जीवन में चाहत भर दी
तू चाहता है
मैं तुझे चाहूँ
इसीलिए तूने मेरे मन में
हँसी का बीज बो दिया
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जवाब देंहटाएंसुन्दर |
स्पेस बढ़ा दिया है, अब देखें, स्वागत व आभार !
हटाएंकितनी प्यारी सोच है!
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंईश्वर पर सर्वस्व समर्पित, भक्ति भाव युक्त सुंदर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना मंगलवार १० दिसम्बर २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
बहुत बहुत आभार श्वेता जी !
हटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
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