मंगलवार, मार्च 13

उम्मीद



उम्मीद 



उम्मीद है कि दुनिया एक दिन यही कहेगी 
इंसानियत सिखाये भारत की परम भूमि 

कश्मीर के जवां फिर भारत के साथ होंगे 
जन्नत बनेगा फिर से अमनोहवा बहेगी 

दिलों में बनी जो दूरी घाव की पीर ताजी
पुरनम हुईं जो आँखें फिर झूम के हँसेंगी  

केसर गुलाब महकें अंतर में ख्वाब दहकें  
जिनके उजाले में फिर धरती हरी खिलेगी 

उम्मीद की शमा को दिल में जलाये रखना 
कितन घना तमस हो सुबह नव किरण उगेगी 

कश्मीरियों के दिल में उतना ही चैन होगा 
जितनी हमारे दिल से धारा उधर बहेगी 

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