भारत का हर पर्व अनोखा
लोहरी की पावन अग्नि में
सपनों के शुभ रंग बिखरते,
देश तरक़्क़ी करे विश्व सँग
भारतवासी यही माँगते !
सबको साथ लिए चलना है
वसुंधरा है एक परिवार,
भारत का हर पर्व अनोखा
जगा रहा हर हृदय में प्यार !
मिलकर आज पतंग उड़ाएँ
वितरण किए तिल गुड़ मिष्ठान,
खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण करें
चिवड़ा दही लगते पकवान !
थोड़े में ही सुख मिलता है
सिखा रहा पोंगल, बीहू भी,
फसल काटने की ऋतु आयी
व्यक्त करें आभार कृषक भी !
सारा भारत इक ही सुर में
पर्व मकर संक्रांति मनाए,
धरती, सूरज, वनस्पति संग
मानव मिल सुर-ताल मिलाए !
संस्कृति है यह कैसी अद्भुत
क़ीमत इसकी वही जानता,
मानवता की ख़ुशबू जिसमें
भारत को जो मातृ मानता !
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 15 जनवरी 2023 को साझा की गयी है
जवाब देंहटाएंपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
बहुत बहुत आभार यशोदा जी !
हटाएंसादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कलरविवार (15-1-23} को "भारत का हर पर्व अनोखा"(चर्चा अंक 4635) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
बहुत बहुत आभार कामिनी जी!
हटाएंसंक्रान्ति पर्व पर आ. अनीता जी ने अपनी सुन्दर रचना के माध्यम से 'तिल गुड़ मिष्ठान' का प्रसाद बाँट कर सभी को आनन्दित कर दिया। बहुत धन्यवाद व पर्व की बधाई उन्हें।
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार हृदयेश जी! आपको भी बहुत बहुत बधाई!
हटाएंबहुत सुन्दर अनिता जी !
जवाब देंहटाएंहमारे प्रायः सभी पर्व ऋतुओं और फ़सलों से जुड़े हुए हैं और इनके सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि ये हम भारतीयों को आपस में जोड़े रखते हैं.
सही कहा है आपने, हमारे पर्व देश को एकता के सूत्र में बांधे हुए हैं
हटाएंवसुधैव कुटुंबकम् की सुंदर प्रेरणा देता सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार कुसुम जी!
हटाएंसंस्कृति है यह कैसी अद्भुत
जवाब देंहटाएंक़ीमत इसकी वही जानता,
मानवता की ख़ुशबू जिसमें
भारत को जो मातृ मानता !
भारतीय मूल्य और संस्कृति पर सुंदर प्रेरक अभिव्यक्ति।
स्वागत व आभार जिज्ञासा जी!
हटाएंबहुत ही सुन्दर, भारतीय पर्वों के महत्व को प्रदर्शित करती रचना मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंआपको भी इस पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ अभिलाषा जी!
हटाएंवाह!क्या बात है !बहुत खूबसूरत अनीता जी ।
जवाब देंहटाएंस्वागत है शुभा जी!
हटाएंजी प्रिय अनीता जी, भारत का सौंदर्य इसकी सांस्कृतिकता और आध्यात्मिकता में ही निहित है।अनेकता में एकता की महिमा दर्शाती हुई रचना के लिए बधाई और शुभकामनाएं 🙏🙏🌹🌹
जवाब देंहटाएंआप ने शत प्रतिशत सही कहा है, भारत का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनूठापन ही सदियों से लोगों को यहाँ खींचता आया है
हटाएंथोड़े में ही सुख मिलता है
जवाब देंहटाएंसिखा रहा पोंगल, बीहू भी,
फसल काटने की ऋतु आयी
व्यक्त करें आभार कृषक भी !
👌👌👌👌🙏🙏🌹🌹
स्वागत व आभार रेणु जी!
हटाएंबहुत खूबसूरत प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार भारती जी!
हटाएंपूरे भारत में मनाया जाने वाला त्यौहार और सच में खुशियाँ लाने वाला पर्व ...
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई सभी को लोहड़ी के पावन पर्व की ...
स्वागत व आभार !
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