चन्द्रयान तीन
चन्द्रयान ने जोड़ दिया है
भारत को फिर एक बार
मंदिर-मंदिर और घर घर
चढ़ा रहे हैं लोग भगवान को माला-हार
इस बार विक्रम को सफलता मिले
इसकी माँग रहे हैं मन्नतें
वैज्ञानिकों ने वर्षों तक बहाया है स्वेद
और खोयी है रातों की नींद
उसका उन्हें फल मिले
यह यान भारत के मस्तक पर चाँद सा टीका है
दुनिया में उसे मिलेगा सम्मान
उससे भी बढ़कर दुनिया को लाभ मिले
यह उसका एक तरीक़ा है
सुबह से टीवी पर एंकर समझा रहे हैं
सॉफ्ट मून लैंडिग के ग्राफ़ दिखा रहे हैं
हरेक का मन उत्सुकता से भरा है
कब आएगा वह पल
जिसके लिए सदियों से
मानव ने इंतज़ार किया है
एक दिन चाँद पर बनेगी मानव बस्ती
उसकी बुनियाद शायद आज ही रखी जाये
पानी है या नहीं वहाँ
इसकी पड़ताल की जाये
विक्रम भारत का है
भारत सबका है
क्योंकि 'वसुधैव कुटुम्बकम्' का मंत्र
यहीं से गाया गया है
चंद्रमा को शिव के मस्तक पर
यहीं तो बैठाया गया है !
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 24 अगस्त 2023 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
बहुत बहुत आभार!
हटाएंबधाई
जवाब देंहटाएंआपको भी बधाई!
हटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार!
हटाएंबहुत सुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंबधाई
स्वागत व आभार!
जवाब देंहटाएंक्योंकि 'वसुधैव कुटुम्बकम्' का मंत्र
जवाब देंहटाएंयहीं से गाया गया है
चंद्रमा को शिव के मस्तक पर
यहीं तो बैठाया गया है !
बहुत सुंदर मेम ।
बहुत शुभकामनायें ।
स्वागत व आभार!
हटाएं