राखी का उत्सव
सावन की पूनम जब आती है
साथ चला आता है
बचपन की यादों का एक हुजूम
नन्हे हाथों में बंधी
सुनहरी चमकदार राखियाँ
और मिठाई से भरे मुँह
उपहार पाकर सजल हुए नेत्र
और मध्य में बहती स्नेह की
अविरत धारा
एक बार फिर आया है राखी का
त्योहार
लेकर शुभभावनाओं का अम्बार
खुशियाँ भरें आपके जीवन में
ये नेह भरे धागे
जीवन का हर क्षण सौभाग्य
लिए जागे
बहुत सुन्दर ..सचमुच राखी के साथ बचपन की कितनी मीठी यादें जुड़ी हैं . वह मिठास अब नही है लेकिन भाई-बहिन का स्नेह अब भी अक्षुण्ण है .
जवाब देंहटाएंअसली राखी तो बच्चे ही मनाते हैं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
राखी की शुभकामनायें!
इतना सुन्दर त्यौहार -ऐसी निर्मल नेह-धारा अन्यत्र दुर्लभ है.
जवाब देंहटाएंराखी के पावन पर्व की......शुभकामनायें :))
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर!
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन की शुभकामनायें. इस पर्व पर आपकी प्यार भरी प्रस्तुति अच्छी लगी.
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना से राखी के बंधन को याद किया है ... ढेरों शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और भावपूर्ण...शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंगिरिजाजी, प्रतिभाजी, संजय जी, अनुराग जी, रचना जी, दिगम्बर जी, कैलाश जी तथा ओंकार जी, आप सभी का स्वागत व बहुत बहुत आभार !
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