शुक्रवार, जुलाई 9

जीजाजी

शुभकामनाएँ

मेधा प्रखर मस्तिष्क उर्वर
चेस खेलते हैं नेट पर
इस उम्र में लगते युवा
ऐसे हैं हमारे जीजा !

ड्राईव करके मीलों जाते
शेयर मार्केट के गुर आते
बागवानी का शौक जवां
ऐसे हैं हमारे जीजा!

साहित्य से बड़ा लगाव
कर्मठता का है स्वभाव
महल सा घर दिया बना
ऐसे हैं हमारे जीजा!

हैं उदार मनोवृत्ति के
पक्के हैं वह पर नियम के
लक्ष्मी की पायी है कृपा
ऐसे हैं हमारे जीजा!

सदा स्नेह पाया है उनसे
आज दुआ निकली है दिल से
स्वस्थ रहें सानंद सदा
ऐसे हैं हमारे जीजा!

स्वीकारें शुभदिन की बधाई
अधरों पर कविता है आयी
सिर पर हाथ रहे बना
ऐसे हैं हमारे जीजा!

अनिता निहालानी
९ जुलाई २०१०

3 टिप्‍पणियां:

  1. जिस पर प्यार की बरसात हो
    प्यारे साले सालियो का साथ हो
    वो सदा रह सकता है जवां
    मेरी कलम येही करती बयाँ
    जीजा

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  2. वाह अनिता जी , बहुत प्यारी रचना | जीजाजी बेशक भाग्यशाली हैं जिन्हें इतने स्नेहिल शब्द उपहार में देने वाली साली मिली है | आप दोनों को शुभकामनाएं|

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