शनिवार, अगस्त 20

मन के रूप हजार


मन के रूप हजार

मन की झील पर
जम जाता है शब्दों का शैवाल  
या ढक लेती है जल को विचारों की पत्तियां
नजर आती नहीं झील की गहराई
तब अचानक प्रज्ञा की आंधी उडा ले जाती है
पत्तों को एक किनारे या बहा देती है काई 
दूर तक और झलक उठती है
चमचमाती तलहटी !

कभी मन की भूमि पर
उग आते हैं शब्दों के जंगल
इतने घने कि पट जाती है भूमि
शुष्क पत्तों से  
प्रकाश की एक किरण नहीं पहुंच पाती
और छा जाता है सीलन भरा अंधकार
तब कोई ज्ञान की कटार से
काट देता है जंगल
उतर आती है धूप और मन खिल उठता है जीवंत !

मन की बगिया में कभी उग आते हैं
शब्दों के खरपतवार या कंटक अनचाहे
नष्ट हो जाती है समता की खेती
विचरते जहां उलझ कर फट जाते हैं
आत्मा के वस्त्र, विवेक रूपी माली आकर
उखाड़ फेंकता है खर पतवार और जला देता है कंटक
पनपते हैं पुष्प शांति, प्रेम और आनंद के...



  

8 टिप्‍पणियां:

  1. पनपते हैं पुष्प शांति, प्रेम और आनंद के.

    .
    यही बातें मन पर जमने वाली धूल साफ़ कर देतीं हैं ...
    सार्थक...सारगर्भित रचना....बहुत सुंदर ..
    आभार..

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  2. मन की बगिया में कभी उग आते हैं
    शब्दों के खरपतवार या कंटक अनचाहे
    नष्ट हो जाती है समता की खेती
    विचरते जहां उलझ कर फट जाते हैं
    आत्मा के वस्त्र, विचार रूपी माली आकर
    उखाड़ फेंकता है खर पतवार और जला देता है कंटक
    पनपते हैं पुष्प शांति, प्रेम और आनंद के...

    नमस्कार....
    बहुत ही सुन्दर लेख है आपकी बधाई स्वीकार करें

    मैं आपके ब्लाग का फालोवर हूँ क्या आपको नहीं लगता की आपको भी मेरे ब्लाग में आकर अपनी सदस्यता का समावेश करना चाहिए मुझे बहुत प्रसन्नता होगी जब आप मेरे ब्लाग पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएँगे तो आपकी आगमन की आशा में........

    आपका ब्लागर मित्र
    नीलकमल वैष्णव "अनिश"

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    MITRA-MADHUR: ज्ञान की कुंजी ......

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  3. बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना !

    जवाब देंहटाएं
  4. आत्मा के वस्त्र, विचार रूपी माली आकर
    उखाड़ फेंकता है खर पतवार और जला देता है कंटक
    पनपते हैं पुष्प शांति, प्रेम और आनंद के...


    बहुत सुन्दर ...

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  5. वाह .....कितने सुन्दर बिम्बों के साथ कितनी गहराई की बातें.......सुभानाल्लाह|

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  6. बहुत गहन सारगर्भित प्रस्तुति..

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  7. बेहतरीन!

    कल 22/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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