सोमवार, अगस्त 20

ईद मुबारक



ईद मुबारक 

एक ही अल्लाह
एक ही रब है,
एक खुदा है
एक में सब है !

अंत नहीं उसकी रहमत का
करें शुक्रिया हर बरकत का,
उसकी बन्दगी जो भी करता  
क्या कहना उसकी किस्मत का !

जग का रोग लगा बंदे को
नाम दवा कुछ और नहीं है,
वही है मंजिल वही है रस्ता
तेरे सिवा कोई ठौर नहीं है !

सारे जहां का जो है मालिक
छोटे से दिल में आ रहता,
एक राज है यही अनोखा
जाने जो वह सुख से सोता !

तू ही अव्वल तू ही आखिर
तू अजीम है तू ही वाहिद,
दे सबूर तू नूर जहां का
तू ही वाली इस दुनिया का !

अल कादिर तू है कबीर भी
तू हमीद और तू मजीद भी,
दाता है, तू रहीम, रहमान
अल खालिक तू मेहरबान !

तेरे कदमों में दम निकले
दिल में एक यही ख्वाहिश है,
तेरा नाम सदा दिल में हो
ईद पे तुझसे फरमाइश है !





 

9 टिप्‍पणियां:

  1. सब पर खुशियाँ बरसाए ईद .. ईद मुबारक!

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  2. सुन्दर रचना...
    खुशिया फैलाये ये ईद...
    यही कामना है...
    :-)

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  3. एक ही अल्लाह
    एक ही रब है,
    एक खुदा है
    एक में सब है !,....बहुत सुन्दर.. ईद मुबारक!

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  4. अच्छा सन्देश देती है .. सार्थक करती है त्यौहार को आपकी रचना ..
    ईद की बधाई ....

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  5. सतीश जी, रीना जी, संध्या जी, शिखा जी, दिगम्बर जी, वन्दना जी, अमृता जी, माहेश्वरी जी, आप सभी का स्वागत व आभार !

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  6. देर से आने की माफ़ी.....शुक्रिया..... आपको और आपके परिवार को ईद मुबारक।

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