मंगलवार, अगस्त 23

छोटा सा जीवन यह सुंदर

छोटा सा जीवन यह सुंदर

थम कर पल दो पल बैठें हम
होने दें जो भी होता है,
रुकने का भी है आनंद
चलना तभी मजा देता है !

स्वयं ही चलती रहतीं श्वासें
जीवन भीतर धड़क रहा है,
जिसने सीखा है विश्राम
दौड़ लगाना व्यर्थ हुआ है !

छोटा सा जीवन यह सुंदर
अल्प जरूरत है इस दिल की,
काफी से भी ज्यादा पाया
कुदरत सदा बांटती रहती !


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