नए कई सोपान चढ़ने हैं
कल जो बीत गया
जीवन की डाली से झर गया फूल है
अब उसे दोबारा नहीं मिलना है
आज तो एक नया फूल
नए कर्म के रूप में
खिलना है
याद की खुशबू समेटे वह नया कर्म
जीवन को सुवासित करे
नए क्षितिज हों, पंछी हर दिन नयी उड़ान भरे
वह अस्तित्त्व इसी आस में
बढ़ता ही चला जाता है
कि कौन उसमें नए बीज बोये जाता है
वाणी वरदान है उसका
शब्दों से वही उमड़ता है
फिर हर रात समेटकर अपनी झोली
सहेज कर उन्हें रख देता है अपने सिरहाने
अगले दिन उन्हीं से कुछ और गढ़ने हैं तराने
उसका कोष कभी रिक्त नहीं होता
जीवन चुक जाता है
वह परम कभी नहीं चुकता !
हर दिन एक नया सवेरा लेकर आता है
नया विश्वास, नयी आस लिए
जाने कौन सा रहस्य खुलने वाला है
नया खजाना मिलने वाला है
अनगिनत कोष छिपे हैं प्रकृति के गर्भ में
जीवन हर रोज नया होता जाता है
जब अतीत सूखे पत्तों की तरह
झरता चला जाता है !
हर रोज एक नया अवसर है
नयी चुनौती भी
हर दिन पर एक ताला लगा है
जिसे खोलना है
नए रंगों को जीवन में घोलना है
नई राहों पहली बार कदम रखने हैं
नए कई सोपान चढ़ने हैं
नए कुछ ख्वाब बुनने हैं !
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (30-3-21) को "कली केसरी पिचकारी"(चर्चा अंक-4021) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
--
कामिनी सिन्हा
आशा की किरण दिखाती सुन्दर रचना ...
जवाब देंहटाएंस्वगत व आभार !
हटाएंहर दिन पर एक ताला लगा है
जवाब देंहटाएंजिसे खोलना है
नए रंगों को जीवन में घोलना है
सार्थक रचना
स्वागत व आभार !
हटाएंस्वागत व आभार !
जवाब देंहटाएंबेहद सकारात्मक सृजन प्रिय अनीता जी आपकी रचनाओं में अध्यात्मिकता का बेहद पवित्र भाव प्रवाहित होता है जो मन को.स्फूर्ति से भर.जाता है।
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार श्वेता जी इस सुंदर प्रतिक्रिया के लिए!
हटाएंबहुत ही सुन्दर सृजन मन मोह जाता है।
जवाब देंहटाएंएक नया फूल
नए कर्म के रूप में
खिलना है
याद की खुशबू समेटे वह नया कर्म
जीवन को सुवासित करे
नए क्षितिज हों..वाह!
स्वागत व आभार अनीता जी !
हटाएंसच कहा आपने। हर नया दिन उम्मीदों से भरा होता है।
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार यशवंत जी !
हटाएंसच है ... बीता कल बीत जाता है और नए की आशा प्रेरित करती है ...
जवाब देंहटाएंनए की उमीद और आशा प्रेरित करती है नै सुबह की तरह खिलने को ... बहुत आशापूर्ण रचना ...
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना शुक्रवार ३१ दिसंबर २०२१ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
शुभकामनाएं..
जवाब देंहटाएंसादर नमन
नए कई सोपान चढ़ने हैं ..... हर नया दिन कुछ नई आशाएं लाता है । सुंदर सृजन ।
जवाब देंहटाएंनई उमंग एवं आशा से लवरेज बहुत ही सकारात्मक सृजन
जवाब देंहटाएंवाह!!!