जब अनंत को सांत बनाया
त्रेता युग में प्रकटे थे वह
मर्यादापुरुषोत्तम राम,
युग-युग से भजता आया जग
पावन अतीव मनोहर नाम !
जब अनंत को सांत बनाया
अवतार लिया महाविष्णु ने,
किंतु राम रहे कहाँ सीमित
भारत भू की सीमाओं में !
राम नाम के मधुर जाप ने
सारी दुनिया को गुंजाया,
है हरि अनंत कथा अनंता
युग-युग ने गीत यही गाया !
जन्मस्थल पर सुंदर मन्दिर
स्वप्न आज यह पूर्ण हुआ है,
राम राज्य भी लौटा लाएं
वर्तमान यह माँग रहा है !
हो स्थापना परम मूल्यों की
राजाराम चले थे जिन पर,
दुनिया को शुभ मार्ग दिखाया
आदर्श पुत्र, प्रिय भाई बन !
माँ सीता का नाम सदा ही
राम ने आगे ही लगाया,
सहने पड़े अनेक अपवाद
सदा सत्य को ही अपनाया !
जन्मस्थल पर सुंदर मन्दिर
जवाब देंहटाएंस्वप्न आज यह पूर्ण हुआ है,
राम राज्य भी लौटा लाएं
वर्तमान यह माँग रहा है !
हम सभी बहुत खुश नसीब है जो इस पुण्य तिथि के साक्षी बन रहें हैं, सुन्दर सृजन 🙏
सही कहा है आपने कामिनी जी ! आभार !
हटाएंसुन्दर लेखन
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार जोशी जी !
हटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" रविवार 14 जनवरी 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार यशोदा जी !
हटाएंसुन्दर सृजन
जवाब देंहटाएंजन्मस्थल पर सुंदर मन्दिर
जवाब देंहटाएंस्वप्न आज यह पूर्ण हुआ है,
राम राज्य भी लौटा लाएं
वर्तमान यह माँग रहा है !
काश राममंदिर के साथ रामराज्य भी स्थापित हो...
लाजवाब सृजन ।